सलाहकार का राइट टू सर्विस कमीशन के पद पर तैनाती का मामला खटाई में, प्रशासक तक पहुंचा मामला, उनके हाथ में डोर
- By Vinod --
- Monday, 28 Aug, 2023
The matter of deployment of Chief Commissioner to the post of Right to Service Commission
The matter of deployment of Chief Commissioner to the post of Right to Service Commission- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल का राइट टू सर्विस कमीशन के कमिशनर पद पर तैनाती का मामला खटाई में पड़ सकता है। प्रशासन की ओर से चीफ कमिशनर की पोस्ट के आवेदन के दौरान जो शर्तें लगाई गई हैं उस पर प्रशासक के सलाहकार खरा नहीं उतर रहे। आवेदन की शर्तों में दी गई योग्यता को वह पूरा नहीं कर रहे। उम्मीद जताई जा रही थी कि राइट टू सर्विस कमिशनर के पद पर धर्मपाल की ही तैनाती हो सकती है लेकिन अब यह खेल बिगड़ता दिख रहा है। फिलहाल धर्मपाल के पास ही राइट टू सर्विस कमिशनर के पद का एडीशनल चार्ज है। वैसे गेंद अभी भी केंद्र सरकार व प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के पाले में है। अगर धर्मपाल की वीआरएस पर बैक डेट में फैसला हो जाता है तो उनकी नियुक्ति की संभावना बन सकती है।
हालांकि इस पद पर धर्मपाल को अतिरिक्त प्रभार देने को लेकर भी विवाद उठा था कि बतौर सरकारी मुलाजिम रहते हुए उन्हें संवैधानिक पोस्ट का अतिरिक्त चार्ज कैसे दिया जा सकता है? चंडीगढ़ के सेक्रेट्री पर्सनल की ओर से चीफ कमिशनर पद के लिए जो आवेदन मांगा है, उसके अनुसार 16 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे तक आवेदन करने की अंतिम तारीख थी। आवेदन में दी गई शर्तों के अनुसार केवल वही अफसर इस पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं जो रिटायर्ड हों। बाकायदा रिटायरमेंट का आर्डर भी विज्ञापन में संलग्न करने को कहा गया है।
पंजाब राइट टू सर्विस एक्ट, 2011 के सेक्शन 13 (2) एवं पंजाब राइट टू सर्विस (अमेंडमेंट) एक्ट, 2014 जो यूटी, चंडीगढ़ में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के 14 अगस्त 2017 के नोटीफिकेशन के अनुसार एक्सटेंड हुआ है, में कहा गया है कि राइट टू सर्विस कमीशन का चीफ कमिशनर भारत सरकार के सेक्रेट्री रैंक से रिटायर्ड अफसर होना चाहिए जिसका कार्यकाल पांच साल का रहेगा। 65 साल की उम्र या पांच साल जो पहले हो उस तारीख तक कार्यकाल रहेगा। सेक्रेटरी पर्सनल की ओर से 16 अगस्त 2023, शाम 5 बजे तक आवेदन मांगे गए थे और कहा गया था कि जो भी इन शर्तों को पूरा करता है, वह आवेदन कर सकता है। प्रशासन की ओर से प्री-स्क्राइब परफोर्मे पर यह आवेदन मांगे गए थे जिसमें आवेदन करने वाले से रिटायरमेंट की तारीख पूछी गई है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि किस पोस्ट से रिटायर हुए हैं। यहीं सलाहकार धर्मपाल के मामले में पेंच फंस गया लगता है। धर्मपाल 16 अगस्त तक बतौर प्रशासक के सलाहकार के तौर पर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सेक्रेटरी पर्सनल की ओर से दिये गए विज्ञापन की शर्तों के अनुसार वह रिटायरमेंट की शर्त पूरी नहीं करते। अगर इस पद पर जोड़-तोड़ से उनकी तैनाती की भी जाती है तो मामला पूरी तरह से कोर्ट में जाने के भी आसार हैं।
प्रशासन की ओर से प्रशासक को लिखा गया, शर्त पूरी नहीं करते सलाहकार
प्रशासन के एक अफसर की तरफ से इस सारे मामले को लेकर स्पष्ट किया गया है कि प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने वीआरएस के लिए एप्लाई किया था लेकिन उनकी वीआरएस मंजूर नहीं हुई। राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमीशनर पद के लिए जो आवेदन मांगे गए थे, उसमें यह शर्त है कि इस पद पर लगने वाला आवेदनकर्ता सेक्रेट्री या इसके बराबर पद से रिटायर अफसर होना चाहिए। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने इस पोस्ट के लिए आवेदन तो किया है लेकिन वह इस शर्त को पूरा नहीं करते। पंजाब के राज्यपाल व यूटी के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को इसको लेकर सूचित कर दिया गया है कि सलाहकार धर्मपाल की रिटायर अफसर की शर्त पूरी नहीं है। आगे गेंद प्रशासक व सरकार के पाले में है कि क्या निर्णय होता है।
कुछ दिन पहले मिले थे नियुक्ति न होने के संकेत
वैसे मामला कुछ दिन पूर्व प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के एक फैसले से स्पष्ट होना शुरू हो गया था। राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिशनर के लिये जो कोठी पिछले काफी समय से तैयार हो रही थी, उसे प्रशासक व पंजाब के राज्यपाल पुरोहित ने अपने एक उच्च अधिकारी को देने का आदेश दे दिया। तभी से लग रहा था कि राइट टू सर्विस कमीशन में कमिशनर के तौर पर सलाहकार धर्मपाल की तैनाती में अडंगा है। यहां बता दें कि इस पद के लिये पर्सनल विभाग ने दो बार आवेदन मांगे हैं। पहले राइट टू सर्विस कमीशन में कमिशनर के पद के लिए आवेदन मांगा था जिसमें सलाहकार धर्मपाल ने भी आवेदन किया था। बताया जा रहा है कि उन्होंने तो वीआरएस तक के लिए एप्लाई कर दिया था। कुछ दिनों के बाद दोबारा पर्सनल विभाग की ओर से आवेदन मांगे गए। इस बार कमिशनर पद की पोस्ट को बदलकर चीफ कमिशनर कर दिया गया और इसमें एक्ट के मुताबिक तय शर्तें जोड़ दी गई जिस पर धर्मपाल फिलहाल खरा नहीं उतरते। इसको लेकर सैकेंड इनिंग एसोसिएशन के आरके गर्ग ने पंजाब के राज्यपाल और यूटी, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के पास पत्र भी लिखा है। उन्होंने राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिशनर की पोस्ट में दी गई सारी शर्तों पर गौर फरमाने की गुजारिश की है। यह मामला अब बनवारी लाल पुरोहित के विवेक पर है। यहां बता दें कि हाल ही में इस पद से केके जिंदल ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था जिसके बाद से नये सिरे से तैनाती की प्रक्रिया चल रही है।